
समय का सही उपयोग कैसे करें – समय का सदुपयोग

समय का सही उपयोग कैसे करें समय के बारे में प्रख्यात है कि यह एक ऐसा उड़ता हुआ सच है , जिसका चेहरा कोई नहीं देख पाता ; क्योंकि यह सदा आगे बढ़ता रहता है , पीछे मुड़कर नहीं देखता । इसके सिर के पीछे बाल होते हैं , कोई चाहे तो बस इनको पकड़कर इसके साथ कदमताल करते हुए काल को अपने पक्ष में कर सकता है अन्यथा काल किसी का इंतजार नहीं करता ।
जो इसके साथ कदमताल नहीं कर पाते , वे जीवन की यात्रा में पिछड़ जाते हैं व उन संभावनाओं से वंचित रह जाते हैं , जिनके साथ उन्हें धरती पर भेजा गया था , जिनका • पूर्ण विकास यहीं पर संभव था ।
यह एक सचाई है कि सबको चौबीस घंटे मिले हैं , न इसके अधिक और न कम । इसके बावजूद कई इस समय में आश्चर्यजनक कार्य कर डालते हैं , तो कई समय के अभाव का रोना ही रोते रहते हैं ।
यहाँ सारा खेल समय का सदुपयोग का है । यही वह कारक है , जो एक सफल व्यक्ति को असफल व्यक्ति से अलग करता है । लापरवाह व्यक्ति के हाथ में से चौबीस घंटे कुछ ऐसे ही फिसल जाते हैं , जैसे मुट्ठी से रेत , लेकिन सजग व्यक्ति एक – एक पल का सदुपयोग करते हुए , जैसे बालू के ढेर से तेल निकालने की उक्ति को चरितार्थ करता है । जबकि समय की कीमत से अनजान एक लापरवाह व्यक्ति समय के अभाव की शिकायत करता रहता है और एक असफल एवं नाकारा जीवन जीने के लिए अभिशप्त होता है ।
समय का सही उपयोग कैसे करें
इसके लिए समय प्रबंधन के सूत्रों का ज्ञान होना आवश्यक है । इसमें कार्यों की प्राथमिकताओं की समझ महत्त्वपूर्ण होती है और इसके लिए अपने लक्ष्य की स्पष्टता का होना अनिवार्य होता है , जिसके आधार पर कुशल समय प्रबंधन को अंजाम दिया जा सके ।
प्रायः कार्यों को चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है । पहले – महत्त्वपूर्ण और तात्कालिक कार्य , जिन्हें बिना समय गंवाए पूरा करना होता है । दूसरे – महत्त्वपूर्ण , किंतु गैर – तात्कालिक कार्य , जिन्हें उपयुक्त समय पर पूरा करने के लिए छोड़ा जा सकता है
तीसरे- तात्कालिक , किंतु गैर – महत्त्वपूर्ण कार्य , जिन्हें अपने सहयोगियों के बीच बाँटा जा सकता है । चौथे – गैर – तात्कालिक और गैर महत्त्वपूर्ण कार्य , जिन्हें फुरसत के समय के लिए टाला जा सकता है । प्रायः जो समय – अभाव का रोना रोते हैं , या जिनके आवश्यक कार्य समय पर नहीं हो पाते और जो हमेशा परेशानी की अवस्था में हैरान – परेशान रहते हैं
अंतिम समय पर कार्यों को पूरा करने की हबड़ – तबड़ में रहते हैं । वे इस प्राथमिकता का कहीं – न – कहीं उल्लंघन कर रहे होते हैं । जब हम गपशप , चैटिंग या चौथे स्तर के अन्य अनावश्यक कार्यों को अपनी प्राथमिकता बनाकर चल रहे होते हैं ,
तो प्रथम व द्वितीय श्रेणी के कार्यों के लिए समय नहीं बच पाता और वे टलते रहते हैं तथा वे अंतिम समय में तनावपूर्ण दबाव बनाते हैं तथा जल्दबाजी या आधे – अधूरे ढंग से संपन्न होते हैं ।
समय का सही उपयोग अतः समय को साधने के लिए उपरोक्त प्राथमिकता की समझ के साथ कुछ अन्य तथ्यों पर ध्यान देना भी आवश्यक है ,
काम करने का प्लान बनाये
प्लानिंग समय लेती है , लेकिन दीर्घकाल में यह समय की बचत करती है । योजना बनाकर काम करना समय को बाँधने में महत्त्वपूर्ण होता है । इसके लिए नियमित रूप में लिया गया समय एक तो मूल्यवान समय की बचत करता है और कम समय में अधिक कार्य को संपन्न करने में सहायक होता है ।
चार्ट बनाकर ट्रैकिंग करना –
चार्ट बनाकर कार्य को ट्रेक करने से हमें लक्ष्य की प्रगति का पता चलता रहता है । इस चार्ट में रोजमर्रा के कार्यों का विवरण टिक करने पर हमें दैनिक एवं साप्ताहिक आधार पर कार्य की प्रगति का आकलन होता रहता है और जो बिंदु अपेक्षित हो रहे होते हैं , इन्हें फिर कुशलतापूर्वक अंजाम भी इसी विधि से दिया जा सकता है ।
अपने लक्ष्य पर एकाग्रता बनाये रखे
एकाग्रता – अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना एक महत्त्वपूर्ण कारक है । कार्य से विचलित करने वाले कई कारण राह में आएंगे , लेकिन यदि दृढ़ता एवं स्पष्टता के साथ अपने लक्ष्य पर अडिग रहा जाए , तो कार्य में आशातीत सफलता मिलने पर आशा – उत्साह बढ़ता जाता है और समय प्रबंधन आसान हो जाता है ।
शांति के समय का सही उपयोग करे
4. पीक आवर्स – जिन पलों में तन – मन एक लय में होते हैं , चित सहज रूप में शांत एवं एकाग्र होता है , ऐसे पलों को गैर महत्त्वपूर्ण कार्यों में बरबाद न करें । इन पलों में कुछ समय में बहुत सारे कार्य सहज रूप में निपट जाते हैं । । ऐसे बहुमूल्य पलों को महत्त्वपूर्ण एवं कठिन कार्यों को . संपन्न करने में व्यतीत करना समय प्रबंधन की दृष्टि से । समझदारी वाला कदम रहता है ।
बिना समय गवाए अपने कार्य में लगे रहे
5. छोटे से बड़े कार्य को दें अंजाम – यदि कई सारे कार्यों को निपटाना हो व कहाँ से शुरू करने का असमंजस हो , तो बिना समय गँवाए उन कार्यों को हाथ में लें , जो सरल हों , छोटे हों या रुचिकर हों । इनका सफलतापूर्वक अंजाम आशा एवं उत्साह को बढ़ाता है , जो फिर बड़े एवं कठिन कार्यों को करने के लिए उपयुक्त मनोभूमि देता है ।
खाली समय का सदुपयोग करे
खाली समय का करें सदुपयोग – कहीं इंतजार करते हुए , ट्रेन या मेट्रो में सफर करते समय खाली समय का सदुपयोग प्राथमिकताओं के आधार पर आवश्यक कार्यों को पूरा करने में किया जा सकता है । इन पलों में कई तरह के दूसरी , तीसरी व चतुर्थ श्रेणी के कार्यों को निपटाया जा । सकता है।
समय नष्ट करने वाले कारको से दुरी बरते
समय के सदुपयोग के साथ ऐसे तत्त्वों पर ध्यान देना भी जरूरी है , जो समय को घुन की तरह बरबाद करते हैं । इनसे सजग सावधान रहने की आवश्यकता है ।
सोशल मीडिया से दूर रहे
सोशल मीडिया – आज का एक ऐसा सच है , जो अधिकांश स्मार्टफोन के उपयोगकर्ताओं के समय की बरबादी का एक बड़ा कारण है । इसका जितना आवश्यक : हो , उतना ही उपयोग करें । दूसरी ओर से आ रहे महत्त्वपूर्ण – संदेशों को दिन के किसी निश्चित समय में निपटाया जा सकता है । दिनभर इससे चिपके रहना किसी भी तरह उचित नहीं माना जा सकता ।
गपबाजी से समय नष्ट न करे
गपबाजी और प्रपंच – समय को बरबाद करने वाला एक और बड़ा कारक है । यार – दोस्तों के बीच जब महफिल सजती है , तो पता ही नहीं चलता कि कैसे घंटों गपबाजी और परचर्चा में बीत गए । ऐसी किसी भी निर्धारित बैठक में एक निश्चित समय से अधिक न बैठे और यदि वातावरण नकारात्मक हो तो , इससे यथासंभव दूर ही रहें
एक ही गलती बार बार न करे
`बार – बार वही गलती और गलती से सबक न लेना – समय को नष्ट करने वाला एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है । बार – बार वही गलती करने से हम एक नकारात्मक मनोभूमि में जकड़ जाते हैं । इस अंतहीन कुचक्र से बाहर निकलना किसी भी प्रगति के लिए आवश्यक होता है । इसके बाहर निकलते ही नई ऊर्जा , उत्साह एवं विश्वास की प्राप्ति समय के बेहतर नियोजन को सुनिश्चित करती है ।
एक समय में एक ही कार्य करे
एक साथ कई कार्य करना- -ऐसे में दबाव कुछ इस कदर बढ़ जाता है कि मुख्य कार्य सही ढंग से बहूनपि गुणानेको दोषो ग्रसति । अर्थात अनेक गुणों को ग्रसित करने के लिए एक दोष ही पर्याप्त है । ई नहीं हो पाते । ऐसे में आवश्यक है कि कार्यों को प्राथमिकता 1 के आधार पर एक – एक करके निपटाया जाए । जहाँ तक संभव हो बहुत सारे कार्यों को हाथ में एक साथ न – लिया जाए ।
परफेक्शन की चाहत को कम करे
परफेक्शन की चाहत – स्वयं में एक अच्छी बात है , लेकिन समय प्रबंधन में यह एक बाधा भी हो सकती है , क्योंकि ऐसे में जब परिणाम आशानुकूल नहीं आते और स्वयं से आशा – अपेक्षा कुछ अधिक रहती है तो व्यक्ति हताश हो सकता है , और प्रयास में शिथिलता आ सकती है ।
बिगड़ी जीवनशैली को सुधारे
बिगड़ी जीवनशैली भी एक बड़ा कारक है , – जो प्रभावी समय प्रबंधन में बाधक बनता है । जब सोने जागने का कोई क्रम निश्चित न हो , आहार – विहार व जीवनचर्या अस्त – व्यस्त हो , तो ऐसे में बिगड़ी जीवनशैली ने मानसिक संतुलन को प्रभावित करती है , जिसका समय ब प्रबंधन से सीधा संबंध रहता है ।
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